संसदीय स्वास्थ्य मेला अगले साल से दिवसीय कराने का प्रयास,सांसद रवि किशन




  • भटहट में दो दिवसीय संसदीय स्वास्थ्य मेला के समापन समारोह में बोले सांसद

  • दो दिन में पंद्रह हजार से अधिक लोगों को मिला स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ



विस्तार


सांसद रवि किशन ने कहा कि संसदीय स्वास्थ्य मेला अगले साल से दिवसीय कराने का प्रयास किया जाएगा। वह भटहट ब्लॉक के पटेल इंटरमीडिएट कॉलेज मैदान में आयोजित दो दिवसीय संसदीय मेले के समापन कार्यक्रम में बोल रहे थे। मेले में दो दिन में 15 हजार से अधिक लोगों ने स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठाया।   समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि उन्होंने लोगों को फिट रहने की सलाह देते हुए बताया कि वह खुद पौष्टिक आहार और व्यायाम से स्वस्थ रहते हैं। उन्होंने मंच से चार गाने गाकर सीएमओ को सफल आयोजन के लिए बधाई दी। इस मौके पर सांसद और सीएमओ डॉ. श्रीकांत तिवारी ने जेई-एईएस से मृत्यु का शिकार हुए सात बच्चों के परिजनों में प्रत्येक को पचास हजार रुपये का चेक दिया। अश्वनी, वंशीधर, फुलमन, अलाउद्दीन, रंगीलाल और सुबोध ने बच्चों की मृत्यु की परिस्थितयों के बारे में सांसद को जानकारी दी।

 

इस मौके पर मेला प्रभारी एसीएमओ डॉ. नीरज कुमार पांडेय, एसीएमओ डॉ. नंद कुमार, भटहट सीएचसी के प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. अश्वनी चौरसिया व उनकी पूरी टीम को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन श्वेता पांडेय ने किया। मेले के दौरान योग शिविर का भी आयोजन किया गया।

इस मौके पर दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री राधेश्याम सिंह, पिपराइच के विधायक महेंद्रपाल सिंह, संयुक्त निदेशक स्वास्थ्य डॉ. गणेश यादव, एसीएमओ डॉ. बीके मिश्रा, डॉ.एसके पांडेय, डॉ.एसएन त्रिपाठी, डॉ. एके प्रसाद, जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. एके पांडेय, भाजपा जिलाध्यक्ष युधिष्ठिर सिंह, पूर्व ब्लॉक प्रमुख आनंद शाही, चेयरमैन पिपराइच जितेंद्र कुमार जायसवाल, जिला स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी केएन बरनवाल आदि मौजूद रहे।

फाइलेरिया ग्रस्त मरीजों की हुई सर्जरी
सहजनवां। फाइलेरिया ग्रस्त मरीजों के हाइड्रोसील सर्जरी शिविर में बुधवार को 15 मरीजों का ऑपरेशन किया गया। सहजनवां सीएचसी में लगे शिविर का उद्घाटन जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. एके पांडेय ने किया। उन्होंने बताया कि जिले में फाइलेरिया के कारण करीब डेढ़ हजार लोग हाइड्रोसील से पीड़ित हैं। इनमें से पांच सौ लोगों की सर्जरी की जा चुकी है। सीएचसी अधीक्षक डॉ. सतीश सिंह की अगुवाई में डॉ. सूरज कुमार सिंह और डॉ. आनंद ने पीड़ित मरीजों की सर्जरी की।